उत्तराखंड जिला पंचायत व ब्लॉक प्रमुख चुनाव: भाजपा का दबदबा, कांग्रेस ने लगाए धनबल और दबाव के आरोप, दीपक के साथ धोखा

देहरादून। उत्तराखंड में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनावों के नतीजे घोषित हो गए हैं। अधिकांश पदों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित प्रत्याशी विजयी रहे, जिनमें कई को पहले ही निर्विरोध चुन लिया गया था। भाजपा का दावा है कि उसने प्रधान पद से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक करीब 85% पदों पर कब्जा किया है।

हालांकि, कांग्रेस ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि चुनाव जीतने के लिए धनबल, प्रशासनिक दबाव और डराने-धमकाने की रणनीति अपनाई गई। कांग्रेस ने इसे “चुनाव जीत नहीं, चुनाव चोरी” करार दिया है।

देहरादून में दिग्गजों की जंग

देहरादून जिला पंचायत में कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह ने अपने बेटे को उपाध्यक्ष और सुखविंदर कौर को अध्यक्ष पद पर जीत दिलाई। यहां भाजपा नेता मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी मधु चौहान को हार का सामना करना पड़ा।

उत्तरकाशी में ‘धोखे’ की राजनीति

उत्तरकाशी जिला पंचायत में भाजपा ने दीपक बिजल्वाण को पार्टी में शामिल कर उपाध्यक्ष पद का वादा किया था, लेकिन वोटिंग में भाजपा सदस्यों ने अपनी ही अधिकृत प्रत्याशी दीपेंद्र कोहली को छोड़ अंशिका जगूड़ी के पक्ष में मतदान कर उन्हें विजयी बना दिया। दीपक को भाजपा ने पहले कदम पर ही धोखा दे दिया है। अब सवाल यह है कि क्या भाजपा अपने समर्थित प्रत्याशियों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कार्रवाई करेगी?

तनाव और हिंसा की घटनाएं

नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हाई कोर्ट तक पहुंचा। बेतालघाट में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान गोलीबारी हुई, जिसमें एक युवक घायल हुआ। उधम सिंह नगर के बाजपुर में विजयी पांच सदस्यों को देर रात तक प्रमाण पत्र नहीं मिले, जिन्हें कोर्ट के निर्देश के बाद जारी किया गया।

सत्ता का दबाव 

पूरे चुनावी दौर में विपक्षी सदस्यों को डराने, पुलिस का दबाव दिखाने, गोलीबारी और प्रमाण पत्र रोके जाने जैसे घटनाक्रम ने सियासी गरमी बढ़ा दी। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा ने सत्ता का दुरुपयोग किया है। लेकिन, एक बात तो साफ है कि पावर चाहे भाजपा हो या कांग्रेस, चुनावों में दबाव और धनबल की परंपरा बदस्तूर जारी है।

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