हनीगाड़ पूर्णा पेयजल पर उठने लगे सवाल, क्षेत्रीय जनता ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग

देवाल (चमोली)। चमोली जिले के देवाल विकास खंड मुख्यालय समेत आसपास के दस हजार की आबादी की प्यास बुझाने के लिए बन रही हनीगाड-देवाल-पूर्णा पेयजल योजना पर शुरूआती दौर में ही भ्रष्टाचार का ग्रहण लगने लगा है। योजना को लेकर उठ सवालों के चलते अब उच्च स्तरीय जांच की मांग भी उठने लगी है।

पिछले एक दशक से देवाल विकास खंड मुख्यालय बाजार में पेय जल की ज्वलंत समस्या बनी है। आबादी बढ़ने के साथ हर घर पेयजल नहीं पहुंच पा रहा है।  इसके लिए  लौसरी गांव की सीमा  हनीगाड से जैन बिष्ट हाटकल्याणी गांव इंटर कालेज से  होते हुए देवाल बाजार से पूर्णा गांव तक योजना के निर्माण के लिए दो करोड़ 48 लाख का ठेकेदार का अनुबंध हुआ है। स्टेटीमेट के तहत योजना 18 किलोमीटर लम्बी के साथ तीन टैंक बनाना है। योजना का निमार्ण में स्रोत से 80 एमएम पाइप लगाए हैं।  उसके बाद सीधे 65 एमएम पाइप लगभग 300 मीटर बिछाई गई है और अब 80 एमएम पाइप लगाया गया है। अधिकांश जगह पेयजल लाइन के पाइपों को जमीन में नहीं दबाया गया है। कम गुणवत्ता के  साकेट और यूनियन लगने से पानी  लीकेज हो रहा है। चट्टानों क्षेत्र में पाइप हवा में लटक रहे हैं। पिछले दिनों इस लाइन को पानी की पूर्ति करने के लिए विभाग ने गमलीगाड योजना से जोड़ा गया जो असफल रहा।  देवाल के व्यापारियों ने आठ जून को पानी को लेकर बाजार में जल निगम और जल संस्थान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। क्षेत्रीय विधायक ने भूपाल राम ने हनीगाड पेयजल योजना का स्थलीय निरीक्षण किया योजना के निमार्ण में  गंभीरता खामियां उजागर हुई।

 

क्या बोले विधायक

मेरे संज्ञान मामला आया तो मैने नौ जून को हनीगाड पेयजल योजना का निरीक्षण किया गया तो योजना मानकों के अनुरूप नहीं बन रही है। योजना की उच्चस्तरीय जांच के लिए मुख्य सचिव को पत्र भेजा है।

भूपाल राम टम्टा विधायक  थराली विधायक सभा।

 

क्या कहते है अधिकारी

योजना का अभी सात किलोमीटर निर्माण हुआ है।  ठेकेदार को 34 लाख का भुगतान हुआ है सितम्बर माह मे कार्य करने की अवधि है योजना में लगे 65 एमएम के पाइपों को बदल कर 80 एमएम पाइप लगाए जाएंगे।

अरूण प्रताप सिंह अधिशासी अभियंता जल निगम कर्णप्रयाग डिवीजन

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