उत्तरकाशी (सजवाण): उत्तराखंड राज्य में इस वर्ष वनग्नि की घटनाएं गंभीर चिंता का विषय बनी हुई हैं। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण के महत्व को और भी समझा जा सकता है। हर साल की तरह, इस वर्ष भी उत्तराखंड के लोगों ने हरेला पर्व बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया। हरेला, जो पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने वाला पर्व है, इस वर्ष विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो गया है।
हरेला दिवस के अवसर पर हैप्पी बाई नेचर स्कूल भाखडां के शिक्षक और छात्रों ने मिलकर वृक्षारोपण अभियान चलाया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य न केवल पर्यावरण संरक्षण बल्कि वनग्नि की घटनाओं को रोकने और हरियाली को बढ़ावा देना भी था। इस कार्यक्रम में विद्यालय प्रधानाचार्य ने सभी छात्रों और शिक्षकों को वृक्षारोपण के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “पर्यावरण की रक्षा करना और इसे हरा-भरा रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। हरेला पर्व हमें यह याद दिलाता है कि हम प्रकृति के साथ कैसे जुड़ सकते हैं और इसे संरक्षित करने के लिए क्या-क्या कदम उठा सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान सभी छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक वृक्षारोपण किया और पर्यावरण की सुरक्षा की शपथ ली। बच्चों ने पेड़ों के साथ अपने नाम की पट्टियां लगाईं और वचन दिया कि वे इन पेड़ों की देखभाल करेंगे। वृक्षारोपण के इस प्रयास से छात्रों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना का विकास हुआ। शिक्षकों ने बताया कि यह वृक्षारोपण अभियान सिर्फ हरेला दिवस तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वे नियमित रूप से ऐसे कार्यक्रम आयोजित करते रहेंगे ताकि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में योगदान दिया जा सके।
इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन ने कहा की वे स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर और भी वृक्षारोपण अभियान चलाएंगे और वनग्नि से निपटने के लिए जागरूकता फैलाएंगे। हरेला पर्व के इस खास मौके पर वृक्षारोपण करके विद्यालय ने न केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उदाहरण भी प्रस्तुत किया।