कल धामी सरकार ने कानून बनाने की थी बात, telangana में हो गया kedarnath धाम मंदिर का भूमि पूजन

दिल्ली के बाद अब telangana में भी kedarnath मंदिर का भूमि पूजन हुआ है. देश के अलग अलग हिस्सों में उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरों के नाम इस्तेमाल को लेकर धामी सरकार जल्द ही कड़े विधिक प्रावधान बनाने जा रही है.

देहरादून: उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर विवाद मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले दिल्ली के बुराड़ी क्षेत्र में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने को लेकर जमकर विवाद हुआ.अब तेलंगाना में केदारनाथ धाम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन किया गया है. देश के अलग अलग राज्यों में बन रहे केदारनाथ मंदिर विवाद को देखते हुए धामी कैबिनेट में इसे लेकर बड़ा फैसला लिया गया था लेकिन तेलंगाना में भी केदारनाथ मंदिर का भूमि पूजन हुआ है.

कल धामी सरकार ने कानून बनाने की थी बात, तेलंगाना में हो गया केदारनाथ धाम मंदिर का भूमि पूजन

तेलंगाना में केदारनाथ मंदिर भूमि पूजन: दिल्ली के बाद अब तेलंगाना में केदारनाथ धाम मंदिर के भूमि पूजन हुआ है. जिसके बाद पहले से चला आ रहा केदारनाथ मंदिर विवाद बढ़ाने की संभावना है. दिल्ली केदारनाथ मंदिर मामले में श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के संस्थापक ने अपने ट्रस्ट के नाम से धाम शब्द को हटाने के साथ ही साधु संत समाज और श्रद्धालुओं से माफी मांगने की बात कही है. इसी बीच तेलंगाना में जिस केदारनाथ मंदिर के निर्माण का भूमि पूजन किया गया है उसके लिए जारी किए गए इनविटेशन कार्ड में केदारनाथ धाम मंदिर भूमि पूजन का जिक्र किया गया है. बताया जा रहा है कि उत्तराखंड के उच्च हिमालय क्षेत्र में स्थित बाबा केदारनाथ धाम की तर्ज पर ही तेलंगाना में भी केदारनाथ धाम मंदिर बनाया जा रहा है.

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कड़े विधिक प्रावधान बनाएगी धामी सरकार: तमाम विवादों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने चारधाम समेत प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों के नाम का इस्तेमाल को लेकर कड़े प्रावधान करने का निर्णय लिया है. मंदिरों के नाम इस्तेमाल करने से उत्तराखंड राज्य में काफी विरोध हो रहा है. सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली ने बताया कुछ लोगों और संस्थाओं की ओर से उत्तराखंड में मौजूद चारों धामों समेत प्रसिद्ध मंदिरों के नाम या फिर इससे मिलते जुलते नाम का इस्तेमाल कर ट्रस्ट बनाए जा रहे हैं. जिसके चलते जनता में एक असमंजस्य की स्थिति उत्पन्न होती है. साथ ही स्थानीय परंपराओं और स्थानीय मान्यताओं को भी ठेस पहुंचती है.

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