Israel Iran War: ईरान ने मंगलवार की देर रात इजरायल पर 200 से ज्यादा मिसाइलें दागी. ईरानी मीडिया के मुताबिक इजरायल के सैन्य ठिकाने उसके निशानी पर थे. ईरान इसको इंतकाम करार दे रहा है. उधर इजरायल ने भी बदला लेने की कसम खाई है. इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ईरान के हमले का मुंह तोड़ जवाब देंगे, लेकिन समय और जगह इजरायल चुनेगा. ईरान और इजरायल के टकराव के बीच मिडिल-ईस्ट में लड़ाई की आशंका बढ़ गई है.
अगर ईरान और इजरायल बीच फुल स्केल वॉर शुरू हो गया तो कौन भारी पड़ेगा? ईरान और इजरायल में से किसकी सेना ज्यादा ताकतवर है, कौन से हथियार हैं?
कितना ताकतवर है ईरान?
सेना: पहले ईरान (Iran Army) की बात करते हैं, जिसकी आबादी करीब 9 करोड़ के आसपास है. ईरान की कुल जीडीपी 413 बिलियन डॉलर की है. इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के मुताबिक ईरान का रक्षा बजट 7.4 बिलियन डॉलर है जो जीडीपी के मुकाबले दो प्रतिशत के आसपास बैठता है. ईरान दुनिया की 14वीं सबसे बड़ी मिलिट्री ताकत है और मिडिल ईस्ट में सबसे बड़ी सैन्य ताकत. उसकी सेना में 580000 सैनिक हैं और दो लाख के आपसापस रिज़र्व फोर्स है. दोनों को मिलाकर कुल सैनिकों की संख्या 780000 के आसपास बैठती है.
हथियार: ईरान की सबसे बड़ी ताकत उसकी बैलेस्टिक मिसाइलें हैं. अमेरिकी खुफिया निदेशालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे मिडिल ईस्ट में ईरान ऐसा देश है, जिसके पास सबसे ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें हैं. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1980 के दशक में पड़ोसी देश इराक से लड़ाई के दौरान ईरान ने अपने मिसाइल सिस्टम पर काम करना शुरू किया और फिर अगले एक दशक में उसने छोटी दूरी की सैकड़ों मिसाइलें डेवलप की.
ईरान के पास ‘सेजिल’नाम की मिसाइल है जो 17000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 2500 किलोमीटर तक जा सकती है. इसी तरह ‘खैबर’ मिसाइल (Kheibar) की रेंज 2000 किलोमीटर है. ‘हज कासेम’ (Haj Qasem) भी 1400 किलोमीटर की रेंज तक जा सकती है. ईरान के पास केएच-55 जैसी क्रूज मिसाइल भी हैं और दावा किया जाता है कि यह परमाणु क्षमता से लैस है. अपने साथ 3000 किलो मीटर तक परमाणु हथियार ले जा सकती है.
हाइपरसोनिक मिसाइल: ईरान ने इस बार इजरायल पर जिन हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला किया है, उसे पिछले साल जून में ही दुनिया के सामने रखा था. यह साउंड की स्पीड के मुकाबले 5 गुना तेजी से चलती हैं और इनको इंटरसेप्ट करना बहुत मुश्किल है. इसके अलावा ईरान पूरे मिडिल ईस्ट में ड्रोन का सबसे बड़ा प्रोड्यूसर है. उसके पास Mohajer-10 नाम का ड्रोन है जो 2000 किलोमीटर तक जा सकता है और 200 किलो वजनी वेपन ले जा सकता है.
एयरफोर्स और नेवी: ईरान के पास 273 फाइटर जेट और लड़ाकू एयरक्राफ्ट हैं. इसके अलावा 50 से ज्यादा हेलीकॉप्टर 240 ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर, 1783 टैंक, 572 बख्तरबंद गाड़ियां हैं. इजरायल के मुकाबले ईरान की नौसेना आधुनिक नहीं है. लेकिन उसके पास 220 के आसपास जहाज हैं. जबकि इजरायल के पास 60 जहाज ही हैं.
अमेरिकी खुफिया ने अनुमान लगाया कि ईरानी मिसाइलों में से लगभग आधी लॉन्च या उड़ान के दौरान विफल हो गईं। 19 अप्रैल को इजरायल के हमले ने ईरान की सुरक्षा की कमजोरी को उजागर किया। तेहरान ने कहा कि छोटे क्वाडकॉप्टर ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, जिससे पता चलता है कि हमला ईरानी क्षेत्र के अंदर से किया गया था। इजरायल के उन्नत लड़ाकू जेट देश को हवा में श्रेष्ठता प्रदान करते हैं। लेकिन विशेषज्ञों ने कहा कि इजरायल को कई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें हवाई ईंधन भरने वाले टैंकरों की कमी भी शामिल है।
ईरान तक पहुँचने के लिए इजरायल को कई देशों के हवाई क्षेत्र को पार करने की अनुमति की भी आवश्यकता होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर युद्ध छिड़ता है, तो इसराइल ईरान के खिलाफ़ लंबी दूरी की मिसाइलें तैनात कर सकता है। इस बीच, तेहरान की हवाई सुरक्षा का युद्ध-परीक्षण नहीं किया गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इसराइल के सैन्य लाभ को देखते हुए, ईरान के अपरंपरागत युद्ध और अपनी विषम क्षमताओं का इस्तेमाल जारी रखने की संभावना है। इसमें तथाकथित “प्रतिरोध की धुरी” शामिल है: ईरान के छद्म और उग्रवादी समूहों का ढीला-ढाला नेटवर्क जो इसराइल का विरोध करने में उसकी सहायता करता है।