उत्तराखंड: डॉ. संतोष मिश्र की मुहिम का असर, अब इस अभिनेता ने बनाई खुद की अर्थी

हल्द्वानी: संजीव कुमार और शर्मिला टैगोर अभिनीत फिल्म गृह प्रवेश में जगजीत सिंह द्वारा गाए एक गीत की पंक्ति है बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जायेगी…। यह आज फिर चरितार्थ हुई, बात निकली भी और दूर तलक पहुंची भी। विद्युत शवदाह गृह के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एमबीपीजी के पूर्व प्राध्यापक डॉ संतोष मिश्र ने खुद की अर्थी बनाकर, कफन ओढ़कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाला वीडियो खूब वायरल हुआ।

अब डॉ. मिश्र से प्रेरित होते हुए चरखी दादरी, हरियाणा के अभिनेता और समाजसेवी संजय रामफल ने भी अपनी अर्थी सजाकर लकड़ियों से दाह संस्कार करने के बजाय गैस और विद्युत आधारित शवदाह गृह को अपनाने की अपील की है।

संजय रामफल ने कहा कि दादरी नगर परिषद की और से आमजन की मांग पर रामबाग में करोड़ों की लागत से गैस और विद्युत शवदाह गृह बनाया गया है लेकिन लोग अपने स्वजनों का अंतिम संस्कार विद्युत शवदाह गृह पर नहीं कर लकड़ी के माध्यम से कर रहे हैं। इससे जल और वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है।

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