प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में गड़बड़ी, पुरोला विधायक ने कहा-अन्याय नहीं होने दिया जाएगा

देहरादून: उत्तरकाशी जिले के विधानसभा पुरोला क्षेत्र में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा निर्धारण एवं भुगतान में अनियमितताओं की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है। इस संबंध में उद्यान महानिदेशक एवं एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के स्टेट मैनेजर के साथ वार्ता की गई, जिसमें किसानों के साथ किए गए कथित छलावे और बार-बार की गई कटौतियों की जांच का निर्णय लिया गया है।

विभागीय समिति करेगी निरीक्षण

किसानों के हितों की रक्षा के लिए स्वचालित मौसम केंद्रों का निरीक्षण एवं क्लेम वितरण का सत्यापन करने के लिए एक विभागीय समिति गठित की गई है। यह समिति बीमा दावों के निस्तारण की निष्पक्षता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत जांच करेगी, ताकि किसानों को उनका उचित बीमा लाभ मिल सके।

किसानों के साथ हो रहा अन्याय

कई किसानों ने शिकायत की थी कि फसल बीमा के अंतर्गत उन्हें पूर्ण दावे का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जबकि उनकी फसल को प्राकृतिक आपदाओं से भारी नुकसान हुआ था। इसके अलावा, स्वचालित मौसम केंद्रों से प्राप्त आंकड़ों में भी गड़बड़ी की आशंका जताई गई है।

सरकार की प्राथमिकता – किसानों को न्याय

इस पूरे मामले की पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी भी स्तर पर किसानों के साथ अन्याय हुआ है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

किसानों को मिलेगा उनका हक

विभागीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर फसल बीमा दावों का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा, ताकि किसानों को उनका पूरा और सही हक मिल सके। इस कदम से किसानों का बीमा कंपनियों पर विश्वास बढ़ेगा और भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं को रोका जा सकेगा।

ये है पूरा मामला 

उत्तराखंड के चारों क्लस्टरों एवं 13 जनपदों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन के लिए एसबीआई जनरल इंश्योरेंस और एआईसी (एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी) को अधिकृत किया गया है। लेकिन जनपद उत्तरकाशी के किसानों ने एसबीआई इंश्योरेंस कंपनी पर फसल बीमा क्लेम निर्धारण एवं वितरण में अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें पूरा मुआवजा नहीं दिया गया और बीमा दावों के निस्तारण में मनमानी की जा रही है।

किसानों ने सरकार से की जांच की मांग

उत्तरकाशी के किसानों ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उनकी शिकायत है कि स्वचालित मौसम केंद्रों के आंकड़ों में विसंगतियां हैं, जिससे गलत क्लेम निर्धारण किया गया है। किसानों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का अनुरोध किया है।

सरकार ने गठित की जांच समिति

किसानों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए योजना में हुई विसंगतियों की जांच और क्लेम वितरण के सत्यापन के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति एक सप्ताह के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपेगी।

समिति के प्रमुख सदस्य:

1. डॉ. आर.के. सिंह, अपर निदेशक (मु.), उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, अल्मोड़ा (अध्यक्ष)

2. डॉ. अजय यादव, संयुक्त निदेशक, कुमाऊं मंडल, नैनीताल (सदस्य)

3. सम्बंधित जनपद के मुख्य/जिला उद्यान अधिकारी (सदस्य)

4. निदेशक, कृषि द्वारा नामित अधिकारी (सदस्य)

स्वचालित मौसम केंद्रों की होगी जांच

समिति रैंडम आधार पर स्वचालित मौसम केंद्रों का निरीक्षण करेगी और क्लेम वितरण की सत्यता की जांच करेगी। इस दौरान कुमाऊं एवं गढ़वाल मंडल के जनपदों का स्थलीय निरीक्षण भी किया जाएगा, ताकि किसानों को उनका उचित मुआवजा मिल सके।

किसानों को मिलेगा न्याय?

यदि जांच में एसबीआई इंश्योरेंस कंपनी की गड़बड़ियां साबित होती हैं, तो सरकार कड़े कदम उठाएगी और किसानों को उनका पूरा मुआवजा दिलाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेगी। किसानों को उम्मीद है कि इस बार उनकी आवाज़ सुनी जाएगी और उन्हें उनका हक मिलेगा।

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