हिमाचल में कुदरत का कहर : राहत-बचाव में जुटे जवान, बाढ़ और बारिश का खतरा अब भी बरकरार

हिमाचल प्रदेश : मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य सोमवार को भी युद्ध स्तर पर जारी रहे। जिला प्रशासन, सेना, पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचा रही हैं। तीन दिन बाद मौसम साफ होने के चलते भारतीय वायुसेना का हेलिकॉप्टर जंजैहली में सफलतापूर्वक लैंड कर सका, जिससे राहत सामग्री की आपूर्ति संभव हो पाई।

फंसे 63 पर्यटकों को बचाया गया
भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर ने खनुखली हेलीपैड पर 90 राशन किट, 75 कंबल, कपड़े, दवाएं और अन्य जरूरी सामान पहुंचाया। जंजैहली के एक होटल में फंसे 63 पर्यटकों और उनके चालक दल को सुरक्षित बाहर निकाला गया और उन्हें करसोग की ओर भेजा गया।

45 से अधिक लोग अब भी लापता, 11 शव बरामद
सराज, नाचन और करसोग क्षेत्रों में 45 से अधिक लोग अब भी लापता हैं। सराज क्षेत्र से अब तक 11 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। राहत कार्यों के दौरान 9 गर्भवती महिलाओं को समय रहते अस्पताल पहुंचाया गया, जिनमें से एक को आईजीएमसी शिमला रेफर किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें प्रभावित गांवों में चिकित्सा सेवाएं दे रही हैं और संक्रमण रोकने के लिए दवाएं वितरित कर रही हैं।

202 सड़कें बंद, बिजली-पानी आपूर्ति पर भी असर
आपदा के चलते जिले में 2 राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 202 सड़कें बाधित हैं। 236 ट्रांसफार्मर बंद हैं और 278 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। प्रशासन ने थुनाग तक मार्ग बहाल कर लिया है, जिससे सेना और एनडीआरएफ की टीमें लापता लोगों की तलाश तेज कर पाईं। अब तक करीब 100 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

ब्यास नदी में मिला किशोरी का शव
सुजानपुर थाना क्षेत्र में ब्यास नदी में बजार नामक स्थान पर एक अज्ञात किशोरी का शव बरामद किया गया है। हवलदार कृष्ण कुमार और उनके सहयोगी ने ट्यूब की सहायता से शव को नदी से बाहर निकाला। शव की पहचान नहीं हो सकी है और पुलिस जांच जारी है।

अब तक 78 मौतें, 10 जिलों में बाढ़ का खतरा
20 जून से 7 जुलाई तक के मानसून सीजन में राज्य में 78 लोगों की मौत हो चुकी है, 121 घायल हुए हैं और करीब 572 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है। मौसम विभाग ने 7 से 10 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी किया है और 11 से 13 जुलाई तक भी बारिश की संभावना जताई है। मंडी समेत 10 जिलों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।

जल शक्ति विभाग ने संभाला मोर्चा
पेयजल आपूर्ति को बहाल करने के लिए जल शक्ति विभाग के कर्मी सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक मेहनत कर रहे हैं। सुंदरनगर उपमंडल की 267 और धर्मपुर उपमंडल की 11 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सराज और गोहर क्षेत्र का दौरा कर विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेयजल व्यवस्था की रोजाना समीक्षा की जाए और राहत शिविरों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जाए।

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