सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन), हरिद्वार कार्यालय में ई-रिक्शा संचालन से संबंधित विषयों को लेकर बैठक हुई

आज सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन), हरिद्वार कार्यालय में ई-रिक्शा संचालन से संबंधित विषयों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में नवोदय चौक, रानीपुर मोड़, बहादराबाद एवं लक्सर रोड क्षेत्र के ई-रिक्शा यूनियन के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।

बैठक की अध्यक्षता सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन), हरिद्वार श्री निखिल शर्मा द्वारा की गई। बैठक में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन), हरिद्वार सुश्री नेहा झा तथा सुश्री वरुणा सैनी, परिवहन कर अधिकारी (इंटरसेप्टर) भी उपस्थित रहीं।

बैठक के दौरान ई-रिक्शा के सुरक्षित, सुव्यवस्थित एवं नियमबद्ध संचालन के संबंध में जिला प्रशासन एवं जिला सड़क सुरक्षा समिति द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure – SOP) के प्रावधानों की जानकारी यूनियन प्रतिनिधियों को विस्तार से दी गई।

अधिकारियों द्वारा बताया गया कि SOP के अंतर्गत दिनांक 21.12.2025 से 20.01.2026 तक एक माह की अवधि में सभी ई-रिक्शा वाहन स्वामियों एवं चालकों को अपना पुलिस सत्यापन अनिवार्य रूप से पूर्ण कराना होगा। यदि कोई चालक अन्य जनपद अथवा अन्य राज्य का निवासी है, तो उसे संबंधित क्षेत्र एवं हरिद्वार जनपद – दोनों स्थानों से पुलिस सत्यापन कराना आवश्यक होगा।

पुलिस सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात दिनांक 21.01.2026 से 20.02.2026 के मध्य ई-रिक्शा वाहनों के दस्तावेजों की जांच एवं वाहनों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। इस अवधि में ई-रिक्शा वाहन स्वामियों/चालकों को चरणबद्ध तरीके से कार्यालय में बुलाया जाएगा, जहां वाहन एवं संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किए जाएंगे।

अधिकारियों द्वारा स्पष्ट किया गया कि निर्धारित अवधि के उपरांत जिन ई-रिक्शा वाहनों का पुलिस सत्यापन, दस्तावेज सत्यापन एवं भौतिक निरीक्षण पूर्ण नहीं होगा, उन्हें मार्ग पर संचालन की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। SOP का उद्देश्य शहर में यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करना, सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है।

बैठक के दौरान यूनियन प्रतिनिधियों द्वारा रखी गई समस्याओं एवं सुझावों को भी गंभीरता से सुना गया तथा अधिकारियों द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि नियमों के दायरे में रहते हुए व्यवहारिक समस्याओं के समाधान पर विचार किया जाएगा। साथ ही यूनियन प्रतिनिधियों से अपेक्षा की गई कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सभी ई-रिक्शा चालकों एवं वाहन स्वामियों को SOP की जानकारी दें तथा निर्धारित समयसीमा के भीतर सभी औपचारिकताएँ पूर्ण कराएं।

अंत में अधिकारियों द्वारा यह दोहराया गया कि नियमों का पालन करने वाले ई-रिक्शा चालकों को किसी प्रकार की अनावश्यक असुविधा नहीं होने दी जाएगी, जबकि नियमों की अवहेलना की स्थिति में नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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