नई दिल्ली : आज रात देशभर के खगोल प्रेमियों के लिए एक विशेष अवसर है, क्योंकि साल 2025 का दूसरा और अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण रात 8:58 बजे से शुरू होकर देर रात 2:25 बजे तक चलेगा। यह खगोलीय घटना कुल 5 घंटे 27 मिनट तक रहेगी, जिसमें चंद्रमा तीन बार अपना रंग बदलेगा – पहले धुंधला, फिर नारंगी और अंत में गहरा लाल, जिसे ‘ब्लड मून’ के नाम से जाना जाता है। यह नजारा दिल्ली, नैनीताल, जयपुर, लखनऊ, मुंबई, कोलकाता सहित भारत के कई शहरों में साफ आसमान के साथ नंगी आंखों से देखा जा सकेगा।
चंद्र ग्रहण का समय और चरण
चंद्र ग्रहण की शुरुआत रात 8:58 बजे (IST) से होगी, और इसका चरम रात 11:42 बजे होगा, जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में ढक जाएगा। इस दौरान चंद्रमा 82 मिनट तक पूर्ण रूप से लाल रंग में चमकेगा। ग्रहण का समापन 8 सितंबर को सुबह 2:25 बजे होगा।
जवाहरलाल नेहरू तारामंडल की पूर्व निदेशक बीएस शैलजा के अनुसार, “यह पूर्ण चंद्र ग्रहण 27 जुलाई 2018 के बाद पहली बार होगा, जब भारत के सभी हिस्सों से इसे देखा जा सकेगा।” यह खगोलीय घटना तब होती है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है।
क्यों बदलता है चंद्रमा का रंग?
चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा का रंग बदलने का कारण रेले स्कैटरिंग (Rayleigh Scattering) है। पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरते समय सूर्य की नीली रोशनी बिखर जाती है, जबकि लाल रोशनी चंद्रमा तक पहुंचती है, जिससे यह लाल या नारंगी दिखाई देता है। यह नजारा सूर्योदय या सूर्यास्त जैसा प्रतीत होता है।
कहां-कहां दिखेगा यह नजारा?
यह चंद्र ग्रहण भारत के अलावा एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, न्यूजीलैंड, और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। हालांकि, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका में चंद्रमा के उदय से पहले ग्रहण समाप्त हो जाएगा, इसलिए वहां यह नजारा नहीं दिखेगा।
दिल्ली में विशेष आयोजन
दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित नेहरू तारामंडल में ‘ग्रैंड चंद्र मेला 2025’ का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में नुक्कड़ नाटक, प्रदर्शनी और परिचर्चा के माध्यम से चंद्र ग्रहण और अन्य खगोलीय घटनाओं की रोचक जानकारी दी जाएगी। दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज और दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय के छात्रों की विशेष भागीदारी होगी, और लगभग 3,000 खगोल प्रेमियों के शामिल होने की उम्मीद है।
धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है। यह ग्रहण भाद्रपद पूर्णिमा पर लग रहा है, जो पितृपक्ष की शुरुआत का प्रतीक है। ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा, और इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान, भोजन पकाना और नए कार्य शुरू करना वर्जित माना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, यह ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में होगा, और इसका प्रभाव 6 महीने तक रह सकता है।
कैसे देखें चंद्र ग्रहण?
चंद्र ग्रहण को देखने के लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं है। इसे नंगी आंखों से सुरक्षित रूप से देखा जा सकता है। हालांकि, दूरबीन या टेलीस्कोप का उपयोग इस नजारे को और अधिक स्पष्ट बना सकता है।
अगला चंद्र ग्रहण कब?
7 सितंबर 2025 के बाद अगला पूर्ण चंद्र ग्रहण 3 मार्च 2026 को होगा, जो उत्तर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी एशिया से दिखाई देगा।