देहरादून: उत्तराखण्ड पुलिस ने अपराध नियंत्रण और साइबर सुरक्षा में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। सरदार पटेल भवन, पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट के आधार पर राज्य में अपराधों की स्थिति पर प्रकाश डाला।
महिला अपराधों में उल्लेखनीय कमी
एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखण्ड में महिला अपराधों में लगातार कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2022 में 4,337 मामले दर्ज हुए थे, जो 2023 में घटकर 3,808 और 2024 में और कम होकर 3,342 रह गए, जो 12% की कमी दर्शाता है। हत्या के मामलों में 1.75% और दहेज हत्या में 20% की कमी आई है। बलात्कार के 98% और अपहरण के 94% मामलों का अनावरण किया गया है। साइबर यौन अपराधों में भी 13% की कमी दर्ज की गई है, जो पुलिस की सतर्कता और प्रभावी कार्रवाई का परिणाम है।
गुमशुदा बच्चों की बरामदगी में शानदार रिकॉर्ड
डॉ. भरणे ने एक प्रतिष्ठित न्यूज पेपर द्वारा गुमशुदा बच्चों के आंकड़ों के गलत प्रकाशन पर स्थिति स्पष्ट की। NCRB के अनुसार, 2023 में 1,025 बच्चे गुमशुदा हुए, जिनमें 729 बालिकाएँ और 296 बालक शामिल थे। इनमें से 933 बच्चों (654 बालिकाएँ और 279 बालक) को 2023 के अंत तक बरामद कर लिया गया था। शेष 92 में से 77 बच्चों को भी अब बरामद किया जा चुका है। उन्होंने गलत रिपोर्टिंग को जनता में भ्रांति पैदा करने वाला बताया और स्पष्ट किया कि बरामद बच्चों को गलती से गुमशुदा दिखाया गया।
साइबर अपराधों पर कड़ा प्रहार
उत्तराखण्ड पुलिस साइबर अपराधों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई में अग्रणी है। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP-1930) और गृह मंत्रालय के I4C प्लेटफॉर्म के माध्यम से 2021-25 के दौरान पीड़ितों को ₹47.02 करोड़ की राशि वापस कराई गई। साइबर अपराधियों के खिलाफ 500 से अधिक गिरफ्तारियाँ की गईं, जिनमें दुबई, कंबोडिया और म्यांमार से जुड़े नेटवर्क शामिल हैं। ऑपरेशन प्रहार और ऑपरेशन हेली के तहत 65 अपराधियों पर कार्रवाई, 150 से अधिक वेबसाइट्स, व्हाट्सएप नंबर और बैंक खातों को ब्लॉक किया गया। साइबर अपराधों में दोषसिद्धि दर 64.7% है, जो राष्ट्रीय औसत (27.2%) से दोगुनी से अधिक है। डीएससीआई (2024) ने उत्तराखण्ड साइबर पुलिस को शीर्ष तीन इकाइयों में स्थान दिया है। अक्टूबर माह को साइबर अपराध जनजागरूकता माह के रूप में मनाया जाएगा।
चोरी की सम्पत्ति की बरामदगी में राष्ट्रीय औसत से दोगुना प्रदर्शन
एनसीआरबी 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखण्ड में चोरी की सम्पत्ति की बरामदगी दर 52.4% है, जो राष्ट्रीय औसत 31.4% से कहीं अधिक है। आर्म्स एक्ट के तहत पंजीकृत अपराधों में उत्तराखण्ड देश में दूसरे स्थान पर है, जबकि हत्या के मामलों में 2.14% की कमी के साथ सातवाँ स्थान प्राप्त है।
नशे के खिलाफ निर्णायक जंग
उत्तराखण्ड पुलिस ने नशा तस्करी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। अगस्त 2025 तक पिछले तीन वर्षों में एनडीपीएस एक्ट के तहत 3,431 अभियोगों में 4,440 अभियुक्त गिरफ्तार किए गए। इनसे ₹208 करोड़ मूल्य की नशीली सामग्री, जिसमें 681.09 किग्रा चरस, 649.79 किग्रा डोडा, 58.98 किग्रा हेरोइन, 4,954.34 किग्रा गांजा, और लाखों नशीली गोलियाँ, इंजेक्शन व कैप्सूल बरामद किए गए।
सिंथेटिक ड्रग्स जैसे एमडीएमए की जब्ती में वृद्धि देखी गई है। चम्पावत और ऊधम सिंह नगर में एमडीएमए और प्रिकर्सर केमिकल्स की बड़ी बरामदगी की गई। फार्मा कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई तेज की गई है, जिसमें देहरादून और हरिद्वार में लाखों प्रतिबंधित गोलियाँ और सिरप जब्त किए गए।