उत्तराखंड: 1842 में बना, 182 साल बाद बदला उत्तराखंड के इस फेमस गार्डन का नाम, ये है नई पहचान

मसूरी : नाम बदलने का सिलसिला जारी है। सरकार हर उस चीज का नाम बदलना चाहती है, जिसे अंग्रेजों ने बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अंग्रेजों की गुलामी के प्रतीकों को बदल दिया जाएगा। उसीके अनुसार मसूरी के फेमस कंपनी गार्डन का नाम भी बदल दिया गया है। जल्द, एमपीजी कॉलेज और टाउन हॉल का नाम भी बदल दिया जाएगा।

पहाड़ों की रानी मसूरी का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कंपनी गार्डन अब अटल उद्यान के नाम से जाना जाएगा। अंग्रेजों का दिए नाम कंपनी गार्डन को 182 साल बाद बदल दिया गया है। कंपनी गार्डन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा लगाने की तैयारी है।

कंपनी गार्डन मसूरी में एक प्रमुख पिकनिक स्थल है। इसे पहले मसूरी के बॉटनिकल गार्डन के नाम से जाना जाता था। प्रसिद्ध भूविज्ञानी डॉ. एच. फैकनर ने 20वीं सदी की शुरुआत में इस गार्डन का निर्माण करवाया था।

इस उद्यान में लॉन की एक हरी-भरी कालीन है और एक फव्वारा है, जो इसके केंद्र में स्थित है। इसमें लगभग 800 विभिन्न प्रकार के फूल हैं, जिनमें डहलिया, बेगोनिया, फैंसी और पेटुनिया शामिल हैं। गार्डन में एक नर्सरी है, जो बिक्री के लिए पौधों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है।

इसकी स्थाना 1842 में डॉ. एच. फैकनर ने वर्ष 1842 में अंग्रेज अधिकारियों के लिए अवकाश स्थान उपलब्ध कराने के लिए बनवाया था। मूल रूप से मसूरी के बॉटनिकल गार्डन के रूप में जाने जाने वाले इन उद्यानों को उनके बागवानी महत्व के लिए जाना जाता था और ये अवकाश और सामाजिक मेलजोल के लिए एक केंद्र के रूप में काम करते थे।

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