पिथौरागढ़: उत्तराखंड में आपदा ठेकेदारों और गलदारों के लिए हमेशा अवसर लेकर आती है। लेकिन, इनके अलावा कुछ बेईमान सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी हैं, जिनके लिए आपदा घोटालों और गड़बड़ियों का एक बड़ा अवसर है। ऐसा ही एक मामला पिथौरागढ़ जिले में सामने आया है। जिले में आपदा हमेशा से ही भारी नुकसान पहुंचाती है। लेकिन, उससे ज्यादा लापरवाही अधिकारी और आपदा में अवसर तलाशने वाले अधिकारी-कर्मचारी नुकसान पहुंचाते हैं।
500 प्रस्ताव, 450 रद्द
रिपोर्ट के अनुसार पिथौरागढ़ जिले में आपदा से बर्बाद दिखाकर 500 प्रस्ताव विभिन्न विभागों की ओर से कार्यों के लिए भेज गए। हैरानी की बात है कि इनमें इनमें से 450 प्रस्ताव रद्द कर दिए हैं। गलत प्रस्ताव भेजने वाले अधिकारियों के जवाब तलब किए गए हैं।
45 करोड़ के प्रस्ताव मिले
सरकार ने आपदा में विभिन्न निर्माण को पहुंची क्षति के अनुसार काम कर स्थिति को जल्द सामान्य करने के निर्देश दिए हैं। पिथौरागढ़ जिले के अधिकारियों ने इसको कुछ ज्यादा ही गंभीरता से ले लिया। आपदा से भवन, सड़क, पुल, रास्ते, पेयजल योजनाओं को नुकसान पहुंचा है। आपदा प्रबंधन विभाग को जिले भर में 45 करोड़ के प्रस्ताव मिले। इसमें भवन क्षति, जनहानि आदि की धनराशि जारी कर दी गई है।
आपदा से ध्वस्त दिखाया
विभिन्न सरकारी विभागों से मांगे गए नुकसान से संबंधित प्रस्तावों की जांच की गई तो ऐसे प्रस्ताव भी आपदा में शामिल मिले, जिनमें आपदा से किसी तरह की क्षति ही नहीं पहुंची है। इनमें अधिकतर संपर्क मार्ग, सिंचाई गूल के प्रस्ताव हैं। प्रस्तावों के साथ भेजे गए फोटोग्राफ्स में भूस्खलन तक नजर नहीं आ रहा है। पुराने और झाड़ियों से ढके पैदल रास्तों को भी आपदा से ध्वस्त दिखाकर लाखों के प्रस्ताव तैयार कर दिए गए।
ये है विकासखंडों का हाल
आलम यह है कि ग्रामीण निर्माण विभाग डीडीहाट की ओर से 113 प्रस्ताव बनाकर भेजे गए थे, जिनमें से 104 प्रस्ताव निरस्त कर दिए गए है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी गंभीरता से काम किया गया होगा। धारचूला विकासखंड से मिले 87 प्रस्तावों में से 81 प्रस्ताव निरस्त हो गए। विण विकासखंड के 22, मूनाकोट विकासखंड के 73 प्रस्तावों में से 72 प्रस्ताव रद्द कर दिए गए है। डीडीहाट विकासखंड में 95 में से 90 प्रस्ताव निरस्त हो गए। लघु सिंचाई खंड पिथौरागढ़ के 40 में से 34 प्रस्ताव रद्दी की टोकरी में फें दिए गए।
एक पुलिया के दो विभागों ने दिए प्रस्ताव
पिथौरागढ़ एडीएम शिवकुमार बरनवाल ने बताया कि एक प्रस्ताव ऐसा भी आया, जो दो-दो विभागों की ओर से भेजा गया है। यह मामला बंगापानी तहसील के घुंघरूगाड़ का है। आरसीसी पुलिया ध्वस्त होने के ग्रामीण निर्माण विभाग अस्थाई प्रखंड डीडीहाट ने दो प्रस्ताव तैयार कर भेजे हैं। राजस्व उप निरीक्षक की ओर से सत्यापित एक प्रस्ताव 8.31 लाख और दूसरा 8.37 लाख का है। इसे निरस्त करते हुए अपर जिलाधिकारी ने मवानी दवानी के राजस्व उपनिरीक्षक से तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।