क्राइम स्टोरी: UP में नशे के किलों पर उत्तराखंड पुलिस की मिडनाइट “सर्जिकल स्ट्राइक”

रुद्रपुर :  रात का घना अंधेरा और गाड़ियों की तेज़ रफ्तार। सड़कें वीरान थीं, पर एक ऑपरेशन की तैयारी पूरी हो चुकी थी। उत्तराखंड के रुद्रपुर से 300 पुलिसकर्मी, एसएसपी मणिकांत मिश्रा की अगुवाई में, प्राइवेट और सरकारी वाहनों से यूपी के फतेहगंज पश्चिम की ओर बढ़ रहे थे। मिशन था—नशे के अड्डों पर धावा बोलना और ड्रग माफियाओं को नेस्तनाबूद करना।

गुप्तचर की सूचना और रणनीति

यह ऑपरेशन अचानक नहीं हुआ था। महीनों की खुफिया जानकारी, गुप्तचरों की निगरानी और पकड़े गए अपराधियों की कुबूलियों के बाद तय हुआ कि यह रात उन तस्करों की दुनिया बदल देगी। पुलिस पहले ही इस गिरोह के बड़े नामों को ट्रैक कर चुकी थी। तस्कर बेखबर थे, वे इस बात से अनजान थे कि उनकी गिरफ्तारी के लिए पूरी सेना तैयार है।

धावा और हड़कंप

जैसे ही पुलिस की टुकड़ियां अलग-अलग घरों में घुसीं, पूरे इलाके में भगदड़ मच गई। कुछ तस्करों ने भागने की कोशिश की, लेकिन उन्हें चारों ओर से घेर लिया गया। जिन गलियों में अब तक ड्रग्स का खेल खेला जाता था, वहां अब सिर्फ पुलिस की गूंज थी। कई माफियाओं को उनके ठिकानों से दबोच लिया गया।

गिरफ्तारियां और नए खुलासे

इस ऑपरेशन में 25 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि इनका नेटवर्क सिर्फ यूपी-उत्तराखंड तक सीमित नहीं था, बल्कि यह उत्तर भारत के कई राज्यों तक फैला हुआ था। कुछ नाम पुलिस के लिए पहले से ही जाने-पहचाने थे, तो कुछ ऐसे भी थे जिनका खुलासा पहली बार हुआ था।

छह महीनों की कार्रवाई और आगे की योजना

पिछले छह महीनों में पुलिस ने कई माफियाओं को गिरफ्तार किया, कुछ का एनकाउंटर किया और कई इलाकों को चिन्हित किया, जहां नशे का कारोबार फल-फूल रहा था। बॉर्डर के कुछ खास क्षेत्रों पर खास निगरानी रखी जा रही थी और यह सर्जिकल स्ट्राइक उसी योजना का हिस्सा थी।

अगला कदम—नशे का सफाया

एसएसपी मणिकांत मिश्रा के अनुसार, यह ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है। गिरफ्तार किए गए तस्करों से मिले सुरागों के आधार पर जल्द ही और भी बड़ी कार्रवाई होगी। उत्तर भारत में नशे के खेल को खत्म करने के लिए पुलिस एक और निर्णायक कदम उठाने की तैयारी में है।

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