- पहाड़ समाचार
केदारनाथ उपचुनाव में जैसे-जैस वोटिंग की तारीख नजदीक आ रही है राजनीतिक घमासान तेज होता जा रहा है। यह चुनाव अब बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिरों पर आकर सिमट गया। जहां कांग्रेस भाजपा पर दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाने को लेकर निशाना साध रही है। वहीं, अब भाजपा ने 2015 में मुंबई में बने बदरीनाथ मंदिर को लेकर कांग्रेस को घेरा है।
इतना ही नहीं चुनाव में आंसू बहाने का सिलसिला इस चुनाव में भी जारी रहा। केदारनाथ उपचुनाव में प्रचार का आखिरी दिन है। ऐसे में दोनों ही दलों ने पूरी ताकत झोंकी हुई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी लगातार मैदान में हैं, तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और पार्टी के बड़े नेता चुनाव मैदान में डेरा जमाए हुए हैं।
केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस लगातार भाजपा को केदारनाथ में दुकानों पर चले बुल्डोजर, दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाने और और सोने के पीतल हो जाने के आरोपों के जरिए घेर रही है। कांग्रेस के हमलों पर भाजपा भी पलटवार करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गणेश गोदियाल पर मुंबई में बदरीनाथ मंदिर बनाने को लेकर आरोप लगाए तो, गोदियाल ने संगम पर जाकर हाथ में गंगा जल लिया और मुख्यमंत्री को चुनौती दे डाली।
अब 2015 की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं, जिनमें हरीश रावत शिलान्यास कार्यक्रम में नजर आ रहे हैं। इसको लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि जो लोग केदारनाथ की बात कर रहे हैं, वो मुंबई में बदरीनाथ मंदिर की बात भूल जाते हैं।
वहीं, केदारनाथ उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल रोती हुई भी नजर आई। लेकिन, सवाल यह है कि उनके ये आंसू काम आएंगे या नहीं? इससे पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी आंसू बहा चुके हैं। कांग्रेस भाजपा के तमाम आरोपों के बावजूद आक्रमकता दिखा रही है।
इधर, अब दोनों ही राजनीतिक दल एक-दूसरे पर शराब परोसने का भी आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस आरोप है कि भाजपा शराब परोस रही है। वहीं, भाजपा का कहना है कि कांग्रेस बदनाम कर रही है। दोनों ही दलों का दावा है कि वो चुनाव जीतने जा रहे हैं, लेकिन चुनाव कौन जीतता है, ये 20 तारीख को वोटर तय करेंगे।