आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए फॉर्म-2 और फॉर्म-4 जारी किए गए हैं। 50 लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय वाले वेतनभोगी करदाता और बिना ऑडिट आवश्यकता वाले व्यवसायी करदाता अपने आईटीआर दाखिल कर रहे हैं।
आईटीआर दाखिल करते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि गलत या अधूरी जानकारी देने पर भारी जुर्माना लग सकता है। आयकर विशेषज्ञों के अनुसार, आय के सभी स्रोतों का खुलासा न करने पर 200% तक जुर्माना और अन्य स्रोतों से आय छिपाने पर 50% से 200% तक जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा, विदेशी आय, संपत्ति, खातों और शेयरों की जानकारी भी निर्धारित फॉर्म में अनिवार्य रूप से देनी होगी।
आईटीआर फॉर्म चयन में सावधानी
आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आईटीआर दाखिल करते समय सही फॉर्म का चयन महत्वपूर्ण है, क्योंकि फॉर्म-1 (सहज) और फॉर्म-4 (सुगम) में कई नए बदलाव किए गए हैं।
- आईटीआर-1 (सहज): यह उन करदाताओं के लिए है, जिनकी वार्षिक आय 50 लाख रुपये तक है और आय का स्रोत वेतन, एक मकान, ब्याज आदि है।
- आईटीआर-4 (सुगम): यह प्रिजम्पटिव इनकम स्कीम के तहत रिटर्न दाखिल करने वाले व्यवसायियों और पेशेवरों के लिए है। गलत फॉर्म चुनने या अधूरी जानकारी देने से रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है।
आईटीआर दाखिल करने के लिए आवश्यक दस्तावेज
- फॉर्म-16
- बैंक स्टेटमेंट
- ब्याज प्रमाण पत्र
- मेडिकल बीमा, गृह ऋण, शिक्षा ऋण आदि की जानकारी
- आधार और पैन कार्ड
इसके अतिरिक्त, नए बदलावों के तहत हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) के लिए निम्नलिखित विवरण अनिवार्य हैं:
- कार्यस्थल (वर्क प्लेस)
- प्राप्त एचआरए
- भुगतान किया गया वास्तविक किराया
- बेसिक सैलरी
साथ ही, धारा 80C, 80D, 80E, 80EE, 80EEA और 80EEB के तहत छूट का दावा करते समय पॉलिसी नंबर, बैंक का नाम और ऋण की जानकारी देना जरूरी है। गलत या अधूरी जानकारी देने पर छूट का दावा खारिज हो सकता है।
आईटीआर दाखिल की प्रक्रिया शुरू
आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए फॉर्म-2 और फॉर्म-4 जारी किए गए हैं। 50 लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय वाले वेतनभोगी करदाता और बिना ऑडिट आवश्यकता वाले व्यवसायी करदाता अपने आईटीआर दाखिल कर रहे हैं।
आईटीआर दाखिल करते समय सावधानी बरतना जरूरी है, क्योंकि गलत या अधूरी जानकारी देने पर भारी जुर्माना लग सकता है। आयकर विशेषज्ञों के अनुसार, आय के सभी स्रोतों का खुलासा न करने पर 200% तक और अन्य स्रोतों से आय छिपाने पर 50% से 200% तक जुर्माना लग सकता है। विदेशी आय, संपत्ति, खातों और शेयरों की जानकारी भी निर्धारित फॉर्म में देना अनिवार्य है।
सही आईटीआर फॉर्म का चयन
आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आईटीआर दाखिल करते समय सही फॉर्म चुनना महत्वपूर्ण है, क्योंकि फॉर्म-1 (सहज) और फॉर्म-4 (सुगम) में कई नए बदलाव किए गए हैं:
- आईटीआर-1 (सहज): 50 लाख रुपये तक की आय वाले वेतनभोगी, एक मकान और ब्याज आय वालों के लिए।
- आईटीआर-4 (सुगम): प्रिजम्पटिव इनकम स्कीम के तहत रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए।
गलत फॉर्म चुनने या अधूरी जानकारी देने से रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है।
आईटीआर दाखिल के लिए आवश्यक दस्तावेज
- फॉर्म-16
- बैंक स्टेटमेंट
- ब्याज प्रमाण पत्र
- मेडिकल बीमा, गृह ऋण, शिक्षा ऋण आदि की जानकारी
- आधार और पैन कार्ड
नए नियमों के तहत, हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) के लिए कार्यस्थल, प्राप्त एचआरए, भुगतान किया गया किराया, और बेसिक सैलरी की जानकारी देना अनिवार्य है। धारा 80C, 80D, 80E, 80EE, 80EEA और 80EEB के तहत छूट का दावा करते समय पॉलिसी नंबर, बैंक और ऋण की जानकारी देना जरूरी है। गलत जानकारी देने पर छूट का दावा खारिज हो सकता है।
आईटीआर दाखिल की अंतिम तिथि बढ़ी
सीए आशीष रोहतगी और सीए रश्मि गुप्ता के अनुसार, फॉर्म जारी होने में देरी को देखते हुए आयकर विभाग ने आईटीआर दाखिल की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है। बीते सप्ताह जारी अधिसूचना के तहत यह निर्णय लिया गया है। इससे करदाताओं को अंतिम समय की भीड़ से बचने और रिटर्न दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा।